किन्नर से प्यार भाग - 11



कहानी _ किन्नर का प्यार
भाग_11 
लेखक _ श्याम कुंवर भारती

एक बड़े सर्जिकल अस्पताल में  सुनंदा के पिता ने वहा के बड़े सर्जन डॉ से मुलाकात कर अपनी बेटी की समस्या बताकर इलाज के बारे में पूछा । डॉ ने आप अपनी बेटी को हॉपिटल ले आए ।पूरी तरह मेडिकल चेकअप करने के बाद ही कुछ बताया जा सकता है।डॉक्टर ने उन्हें अगला डेट दे दिया जब उन्हें सुनंदा को अस्पताल ले जाना था।
एक महीना किस तरह गुजर गया सुनंदा को पता ही नही चला ।अब उनके लॉ कॉलेज की पढ़ाई शुरू हो चुकी थी।
सुनंदा और राखी दोनो समय पर कॉलेज जाने लगी थी।सुनंदा बड़े ध्यान से कानून की बारीकियों को जानने समझने लगी थी ।साथ में उसने देश भर के न्यायलयो के लिए गए फैसलों को भी पढ़ रही थी।यह उसकी इक्षा  थी ।इसलिए समय मिलते ही वो कॉलेज की लाइब्रेरी में जाकर यह सब पढ़ती रहती थी।
दिल्ली में राहुल ने इंस्टिट्यूट में क्लास करना शुरू कर दिया था।नीलम की मौसी के फ्लैट में भाड़े पर रहने लगा था।दोनो ने मिलकर एक लड़का और एक लड़की भी रूम पार्टनर के रूप में खोज लिया था।
दिन तो किसी तरह पढ़ाई लिखाई में कट जाता था लेकिन रात में तन्हाई में उसे सुनंदा की बहुत याद आती थी।कितनी प्यारी और मासूम लड़की है।आज के जमाने में उसे इतना प्यार कोई कर ही नही सकती।वो अपने आप को बड़ा भाग्यशाली समझता था को उसे सुनंदा जैसी दोस्त मिली थी।
उसने सोच लिया था अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद वो सुनंदा से ही विवाह करेगा।
किसी तरह वो अपने माता पिता को मना लेगा की वो उसका विवाह सुनंदा से कर दे।उसे अपना लाइफ पार्टनर के रूप में पाकर उसकी जिंदगी गुलजार हो जायेगी।
एक दिन दस बजे रात में जब वो सोने जा रहा था ।उसका मन नही लग रहा था।उसने सुनंदा को फोन किया।वो भी अपने बेड पर पड़ी पड़ी राहुल के बारे में ही सोच रही थी।
तभी उसके मोबाईल पर राहुल का फोन आया।उसने राहुल का फोन देखकर बड़ी फुर्ती में उठा लिया।
पहले बताओ एक महीने तक तुम कहा था.मुझे फोन क्यों नही किया।मैने तुम्हें कहा था न की पहले फोन तुम्हारा आना चाहिए।
अरे नाराज मत हो सुनंदा । सॉरी मुझे माफ करो यहां आने के बाद बहुत सारे काम निपटाने पड़े।मैं उसी में बिजी रहा।इसलिए तुम्हे फोन नही कर पाया।देखो आज मैने ही तुमको फोन किया है।2
उसकी बात सुनकर सुनंदा पिघल गई और बोली चलो माफ किया ।
और बताओ तुम कैसे हो ।खाना पीना ठीक से खा रहे हो या नही । दुबले पतले तो नही ही गए।पढ़ाई में तुम्हारा22 मन लग रहा है या नही ।
अरे एक साथ इतने सवाल करोगी तो मैं कैसे जवाब दूंगा बाबा।जरा एक एक कर पूछो ।
राहुल ने घबड़ाकर कहा।
जितना पूछा है उतने का जवाब दो2 सुनंदा ने डांटते हुए कहा।
तो ठीक है सुनो मैं ठीक से खा पी रहा हूं ।पहले से और हट्टा कट्टा हो गया हूं।
लेकिन पढ़ाई लिखाई में मन नहीं लग रहा है।
चलो जानकर अच्छा लगा की तुम ठीक ठाक से हो लेकिन वहा जब पढ़ाई लिखाई में मन नही लग रहा है तो क्यों झक मार रहे हो ।चुपचाप घर चले आओ ।
घर तो आना चाहता हूं लेकिन क्या करूं बिना पढ़ाई पूरी किए आ गया तो तुमको और मम्मी पापा को बहुत बुरा लगेगा।2
तुम इतना याद मत किया करो यार ।मैं पढ़ नही पाता हूं ।राहुल ने कहा।
अच्छा काम चोर कही के पढ़ाई में मन नहीं लग रहा है तो मुझे दोष दे रहे हो ।मैं तो तुम्हे बिल्कुल याद नही करती सच में ।बहाना मत बनाओ ।खूब मन लगाकर पढ़ाई करो ।वरना सब लोग मुझे ही दोष देंगे।2
 
झूठ मत बोलो अपने दिल पर हाथ रख कर बताओ क्या तुम्हे मुझे याद नहीं करती ।मुझसे मिलने का दिल नहीं करता।राहुल ने पूछा ।
नही बिल्कुल नही तुम दिल्ली में ही रहो।जिसके लिए गए हो पहले वो255 करो।मेरा तुमसे मिलने का बिल्कुल मन नही करता ।जब पढ़ लिख कर आई ए एस ऑफिसर बन जाओगे तब तुम्हे खूब याद करूंगी ।तुमसे रोज मिलूंगी तब तक मिलने जुलने और यादो पर हड़ताल रहेगी समझे तुम ।सुनंदा ने मुस्कुरा कर कहा।
तुम इतनी जल्दी बदल जाएगी  मुझे विश्वास नहीं हो रहा है।पहले तो मुझसे मिलने के लिए घर से भागी आती हो ।मेरे लिए खाना बनाती हो। अब कहती हो मुझे याद नहीं करती ।मुझसे मिलने का मन नहीं करता। यार तुमने मुझे बड़ा हर्ट कर दिया ।राहुल ने उदास होकर कहा।
चाहे तुम जो समझो ऑफिसर बनने तक तुम्हारी यही सजा है ।मुझसे दूर रहना पड़ेगा।याद बिल्कुल नही करना है।कभी कभार फोन कर सकते हो इतनी छूट मैं दे सकती हूं।
यार तुम तो बड़ी पत्थर दिल निकली ।तुम तो ऐसी हरगिज नहीं थी । मेरा दिल दुखी कर रही हो ।राहुल ने उदास होकर कहा ।55
पहले नही थी लेकिन अब हो गई हूं। सिर्फ तुम्हारे लिए।
सुनंदा ने कहा ।
अच्छा वो सब छोड़ो मुझे एक किस दे सकती हो क्या ।
हा दे सकती हूं ।सुनंदा ने कहा 
तो दो न बहुत दिल कर रहा है।राहुल ने बेसब्री से कहा। 
लेकिन उसकी कीमत देनी होगी तुम्हे सुनंदा ने मुस्कुरा कर कहा।
क्या तुम मुझसे एक किस के बदले कीमत लोगी यार यह तो हद हो गई।राहुल ने आश्चर्य से पूछा।
कीमत तो सुन लो। सुनंदा ने कहा। 
चलो ठीक है बोलो तुम एक किस देने का कितनी कीमत लोगी।
तीन साल और एक आई ए एस ऑफिसर इतना कहकर सुनंदा हसने लगी।
हे भगवान इतनी बड़ी कीमत । मतलब एक किस के लिए मुझे तीन साल इन्तजार करना पड़ेगा ।राहुल ने चौंक कर कहा।
जी बाबू साहब सुनंदा की एक किस की फीस यही है ।पहले फीस दो फिर किस लो।
उसने अपनी बात इस अंदाज में कहा की दोनो जोर जोर से हंसने लगे।
राहुल को अंदाजा नहीं लगा की उसके दरवाजे के बाहर खड़ी खड़ी नीलम चुपके से उसकी सारी बाते सुन रही थी।
सच में आज तुमसे बात करके मुझे बहुत शांति मिली ।दिल बड़ा बेचैन था।राहुल ने खुश होते हुए कहा ।
तुमको तो शांति मिल गई लेकिन मेरे दिल का अंदाजा है तुम्हे कितना बैचेन25 हो गया है मेरा दिल कर रहा है अभी मुझे पंख लग जाए और मैं उड़ कर तुम्हारे पास पहुंच जाऊं।
तभी उसके दरवाजे पर उसकी मां ने दस्तक दिया ।सुनंदा ने कहा _ मम्मी दरवाजे पर खड़ी है राहुल अब फोन रखो बाद में बात करते है अपना ख्याल रखना शुभ रात्रि।
शुभ रात्रि कहकर राहुल ने अपना मोबाईल काट दिया ।कुछ देर उसके ख्यालों में खोया रहा ।लेकिन उसकी नींद उड़ गई थी ।उसने अपनी किताबे निकाल लिया और उसमे लिन होने का प्रयास करने लगा ।25
सुनंदा ने दरवाजा खोला सामने उसकी मां खड़ी थी ।बेटी किससे इतनी देर से बात कर रही थी ।तुम्हारे हसने की आवाज बाहर तक आ रही थी।
और किससे बात करूंगी मम्मी एक ही तो बुद्धु लड़का है राहुल।उसको मन लगाकर पढ़ाई करने को समझा रही थी।
और अब मैं तुम्हे समझा रही हूं बेटी सब कुछ जान समझ कर राहुल से ज्यादा नजदिकी मत बढ़ाओ।मुझे इस बात की चिंता है जब उसे तुम्हारी सच्चाई पता चलेगी तब उस पर क्या गुजरेगी।फिर तुम्हारे साथ कैसा व्यवहार करेगा। उससे पहले तुम अभी से संभल जाओ।
तुम्हे बीस तारीख को हॉस्पिटल जाना है मेडिकल चेकअप के लिए तुम तैयार रहना ।
भगवान करे किसी तरह ऑपरेशन से तुम्हारी कमजोरी दूर हो जाए और तुम एक पूरी औरत बन जाओ।
सुनंदा को अपने बेड पर आराम से बैठाया और कहा _ मम्मी तुम बहुत ज्यादा सोचती हो । ज्यादा मत सोचो जो होगा वो देखा जायेगा।लेकिन राहुल के बिना मेरी जिंदगी अधूरी है।
अस्पताल मैं चलूंगी तुम चिंता मत करो।
ममता देवी ने उसके सिर पर प्यार से हाथ फेरा और कहा बेटी मैं भी यही चाहती हूं तुम खुश रहो।इसलिए मैं और तुम्हारे पापा तुम्हारा इलाज कराना चाहते है शायद सब ठीक हो जाए।
चलो अब सो जाओ मैं चलती हूं तुम्हारे पापा इंतजार करते होंगे।

शेष अगले भाग _12में 
लेखक_ श्याम कुंवर भारती
बोकारो ,झारखंड
Mob.९९५५५०९२८६



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1 Comments

Mohammed urooj khan

04-Nov-2023 12:40 PM

👌🏾👌🏾👌🏾👌🏾

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